कोंडागांव – कोंडागांव जिला अपने अद्वितीय हस्तशिल्प के लिए प्रसिद्ध है। इसके साथ ही यहां के लघु वनोपज, लघु धान्य फसल इत्यादि की भी वैश्विक बाजार में मांग बढ़ाई जा सकती है। कोंडागांव जिले के उत्पादों को वैश्विक बाजार में स्थान उपलब्ध कराने के लिए शनिवार को भारत सरकार के वाणिज्य मंत्रालय के अंतर्गत विदेश व्यापार महानिदेशक नागपुर के प्रतिनिधियों द्वारा कोंडागांव में कार्यशाला का आयोजन किया गया।
जिला कार्यालय के प्रथम तल स्थित सभागार में आयोजित कार्यशाला में क्षेत्र के व्यापारी, राईस मिलर्स, हस्तशिल्पकार, स्व सहायता समूह की महिलाएं आदि उपस्थित थीं। इस अवसर पर कलेक्टर कुणाल दुदावत ने कहा कि आज की कार्यशाला से क्षेत्र के व्यवसायियों को अपने उत्पादों को विदेशी बाजार तक स्थापित करने की प्रेरणा और मार्गदर्शन प्राप्त हुआ है। उन्होंने कोंडागांव को हस्तशिल्प की दृष्टि से अद्भुत बताते हुए कहा कि यहां के उत्पादों में क्षमता है, कि वे वैश्विक बाजार में स्थान बना सकते हैं। उन्होंने आगामी छः माह के भीतर उत्पादों को वैश्विक बाजार में निर्यात का लक्ष्य रखते हुए कार्य करने की बात कही। उन्होंने कहा कि हम मिलकर कार्य करेंगे और जिले को निर्यात केन्द्र के रुप में स्थापित करते हुए राज्य के लिए उदाहरण प्रस्तुत करेंगे। कलेक्टर श्री दुदावत ने इस दौरान निर्यात योग्य सामग्री तैयार करने के लिए पैकेजिंग को महत्वपूर्ण बताते हुए इसके लिए शीघ्र ही प्रशिक्षण प्रदान करने की बात कही। उन्होंने इसके साथ ही ढोकरा शिल्प को परंपरागत रुप से तैयार करने के साथ ही वैश्विक बाजार की मांग अनुरुप तैयार करने पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि जिले के उत्पादों को बाजार उपलब्ध कराने के लिए वृहद स्तर पर कार्य किया जाएगा। इसके तहत विदेशी दुतावासों में भी जिले के उत्पादों का प्रर्दशन किया जाएगा। उन्होंने यहां उत्पादित मिलेट्स को निर्यात योग्य बनाने के लिए मांग अनुरुप प्रसंस्करण के साथ ही जैविक कृषि के प्रमाणन के कार्य को भी तेजी से करने की बात कही।
इस अवसर पर विदेश व्यापार निदेशालय की सहायक निदेशक सुश्री स्नेहल ढोके ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने के लिए निर्यात को प्रोत्साहित किया जा रहा है और इसके लिए नए निर्यातकों को भी अवसर उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि निर्यात की कठिनाईयों को दूर करने के लिए विदेश व्यापार निदेशालय द्वारा निर्यात को प्रोत्साहित करने के लिए सहयोग प्रदान किया जा रहा है। इसके तहत लायसेंस बनाने की प्रक्रिया से लेकर पूंजी की व्यवस्था, ग्राहक का चिन्हांकन इत्यादि कार्य भी किए जा रहे हैं। भारत सरकार द्वारा निर्यात को प्रोत्साहित करने के लिए संचालित योजनाओं की जानकारी दी जा रही है।
इस अवसर पर इम्पोर्ट एंड एक्सपोर्ट कोड प्राप्त करने के तरीके, कस्टम से संबंधित पंजीयन और आवश्यक दस्तावेज, निर्यात वित्त विकल्पों पर बैंक द्वारा उपलब्ध सुविधाओं की जानकारी दी गई। ई-कॉमर्स और डिजिटल मार्केटिंग सहित विभिन्न तरीकों से जिले के उत्पादों और सेवाओं की व्यापक और वैश्विक पहुंच के लिए एक मंच प्रदान करने हेतु जानकारी देने के साथ ही निर्यात में रूचि रखने वाले जिले में स्थापित समस्त औद्योगिक इकाईयों, कृषि उत्पादक संगठन, स्व-सहायता समूह,नव उद्यमी एवं गणमान्य नागरिकों की शंकाओं का भी समाधान किया गया।
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