*42 साल पुराने नर्मदा ब्रिज पर गहरे और चौड़े गड्ढे।*
*जिम्मेदार नहीं दे रहे ध्यान, हजारों लोग गुजरते है।*
* *प्रशासन किसी बड़े घटना के इंतजार में है*
*ब्रिज पर लगी लोहे की गर्डन के जॉइंट टुटे रेलिंग हुई।*
*क्षतिग्रस्त ब्रिज पर स्ट्रीट लाइट पड़ी बंद।*
इंदौर बैतूल नेशनल हाईवे स्थित नेमावर हंडिया के बीच से बहने वाली नर्मदा नदी पर बने पुल की सड़क अब धीरे-धीरे क्षतिग्रस्त होने लगी है।
1 किलोमीटर लंबा व करीब 70 फीट ऊंचे पुल देवास और हरदा जिले को जोड़ता है 17 पिलर पर खड़े करीब 42 साल पुराने इस पुल पर कई जगह गहरी वह चौड़े गड्ढे हो गए हैं। हमारी यह चेतावनी उन तमाम लोगों के लिए जो हर दिन अपनी जान हथेली पर लेकर यह पुल पार करते हैं। इसलिए कमजोर दिल वालो का
पुल पार करने पर दिल धड़कने लगता हे।
नर्मदा ब्रिज पर देखा कि कहीं गड्ढे सड़क के बिचो’ बीच एक लाइन से है इन गड्डो से बचने के लिए वाहन चालक पुल के किनारे तक चले जाते हैं ।ऐसे में यदि सामने से कोई बाइक सवार या अन्य वाहन आ जाए तो बड़ा हादसा हो सकता है। इसलिए गड्डो को जल्द से जल्द भरना बहुत जरूरी है। पुल से रोजाना करीब 300 बस ओर 1000 से अधिक ट्रक डंपर बाइक, अन्य वाहन गुजरते है।
पुल का निर्माण कार्य 24 सितंबर 1974 से शुरू होकर 1981 में पूर्ण हुआ था । 2 दिसंबर 1981 में लोकार्पण किया गया था। पुल के दोनों साइड सीमेंट की रेलिंग लगी है ।जो भी अब धीरे-धीरे क्षतिग्रस्त होने लगी है।
पुल विशेष तकनीक से उच्च गुणवत्तायुक्त सीमेंट कंक्रीट एवं सरियो से निर्मित है। पुल के अंदर शाकप लगे होने से वाहनों के निकलने दौरान कंपन होता है।
*ब्रिज पर लगी स्ट्रीट लाइट बंद,रात में छाया रहता है अंधेरा*
1 किलो मिटर से अधिक लंबाई वाले इस नर्मदा ब्रिज के एक और स्ट्रीट लाइट लगी है। लेकिन अधिकांश स्ट्रीट लाइट बंद पड़ी है।
जिसके कारण रात में श्रद्धालुओं एवं ब्रिज पर घूमने वाले लोगों को दुर्घटना एवं चोर बदमाशों से भय बना रहता है। स्ट्रीट लाइट के पोल तो खड़े हैं लेकिन उसमें ट्यूब लाइट नहीं लगी है इसके कारण ब्रिज पर अंधेरा बना रहता है।
*ब्रिज पर लगी रेलिंग क्षतिग्रस्त*
नर्मदा ब्रिज पर लगी कई रेलिंग क्षतिग्रस्त हो गई कई स्थानों से टूट गई है ।ऐसी स्थिति में ब्रिज पर खड़े होकर नर्मदा दर्शन करने वाले लोगों के लिए हादसे का कारण भी बन सकता है। तीज त्यौहार के दिन बड़ी संख्या में पर्यटक नर्मदा दर्शन के लिए ब्रिज पर पहुंचते हैं। ऐसी स्थिति में रेलिंग के क्षतिग्रस्त और कमजोर होने से दुर्घटना की आशंका बनी रहती है।
*नए पुल का निर्माण पूर्ण होने में लगेगा समय…*
राष्ट्रीय राजमार्ग 59 के फोरलेन होने से यह मार्ग एन एच 47 में चला गया। ऐसे में नेमावर से हंडिया की दिशा में नर्मदा नदी पर एक बड़े पुल का निर्माण कार्य विगत 1 वर्ष से प्रगति पर है। वर्तमान में पुराने सेतु से प्रतिदिन हजार को छोटे बड़े और भारी वाहनों का इंदौर नागपुर बैतूल भोपाल आना-जाना लगा रहता है। विभाग की ओर से लंबे समय से पुल की मरम्मत नहीं कराया गया।इससे पुल में जगह-जगह गड्ढे होने से करीब 1 किलोमीटर का पुल पार करने में वाहन चालकों को सावधानी बरतनी पड़ती है।
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