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अधिकारियों की टीम ने पीथमपुर फैसिलिटी में यूका के अपशिष्ट निपटान की तैयारियों का किया निरीक्षण*

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आज गैस राहत और पुनर्वास विभाग के निदेशक आईएएस स्वतंत्र कुमार सिंह के नेतृत्व में धार जिला कलेक्टर श्री प्रियंक मिश्रा के साथ, मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एमपीपीसीबी), केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) और उनके क्षेत्रीय कार्यालयों के अधिकारियों ने, धार प्रशासन के विभागों के प्रतिनिधियों और पीथमपुर, धार जिले, मध्य प्रदेश स्थित कॉमन हैजर्डस वेस्ट ट्रीटमेंट, स्टोरेज और डिस्पोजल फैसिलिटी (सीएचडब्ल्यू – टीएसडीएफ) का दौरा किया। यह दौरा माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर के निर्देशों के अनुसार यूसीआईएल अपशिष्ट के सुरक्षित निपटान की तैयारियों का निरीक्षण करने के लिए किया गया।

2014 में, माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने यूसीआईएल स्थल पर पड़े अपशिष्ट को जलाने और उसके पर्यावरणीय प्रभाव का मूल्यांकन करने का आदेश दिया। इस निर्देश के तहत, अगस्त 2015 में 13 से 18 तारीख तक पीथमपुर इंडस्ट्रियल वेस्ट मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड (पीआईडब्ल्यूएमपीएल) की ट्रीटमेंट, स्टोरेज और डिस्पोजल फैसिलिटी (टीएसडीएफ) में 10 मीट्रिक टन यूसीआईएल अपशिष्ट के निपटान के लिए ट्रायल रन किए गए। ये परीक्षण केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी), पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (एमओईएफ एंड सीसी), एमपीपीसीबी, और मध्य प्रदेश सरकार (जीओएमपी) की निगरानी में किए गए। परीक्षणों के परिणामों ने पुष्टि की कि इनसिनरेटर के सभी मापदंड निर्धारित नियमों का पालन करते हैं।

सफल परीक्षणों और माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का पालन करते हुए, पर्यवेक्षण समिति और एमओईएफ एंड सीसी ने शेष अपशिष्ट के निपटान को शीघ्र ही इनसिनरेशन के माध्यम से आगे बढ़ाने का निर्णय लिया।

यूसीआईएल अपशिष्ट का निपटान अब माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर, मध्य प्रदेश (ऑर्डर WP संख्या 2802, 2004, दिनांक 3 दिसंबर 2024) के निर्देशों के अनुसार किया जा रहा है। उच्च न्यायालय के निर्देश पहले सफल परीक्षण पर आधारित हैं, जिसने प्रक्रिया के दौरान जनस्वास्थ्य या पर्यावरण को कोई जोखिम नहीं दिखाया।

माननीय न्यायालय के निर्देशों का पालन करते हुए, कानूनी और पर्यावरणीय आवश्यकताओं का पालन करने पर मुख्य ध्यान केंद्रित है। ऑपरेशनल टाइमलाइन्स का हिस्सा हैं, लेकिन प्राथमिकता अनुपालन और पर्यावरण संरक्षण को दी जा रही है।

भोपाल गैस त्रासदी राहत और पुनर्वास (बी जी टी आर आर) को इस प्रोजेक्ट को लागू करने के लिए नोडल एजेंसी के रूप में नामित किया गया है। प्रोजेक्ट का नेतृत्व आईएएस श्री स्वतंत्र कुमार सिंह द्वारा किया जा रहा है। अपशिष्ट का उपचार और निपटान एमपीपीसीबी द्वारा अनुमोदित सीएचडब्ल्यू – टीएसडीएफ पीथमपुर में किया जाएगा, जो पीथमपुर इंडस्ट्रियल वेस्ट मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड द्वारा संचालित है।

इस प्रोजेक्ट की निगरानी एक तकनीकी समिति द्वारा की जा रही है, जो अपशिष्ट संग्रह, पैकिंग, परिवहन, भंडारण, उपचार और निपटान की प्रक्रियाओं का निरीक्षण करती है। यह प्रक्रिया सीपीसीबी दिशानिर्देशों और 2016 के खतरनाक और अन्य अपशिष्ट (प्रबंधन, संचालन, और ट्रांसबाउंड्री मूवमेंट) नियमों के अनुसार की जा रही है।

सीएचडब्ल्यू-टीएसडीएफ पीथमपुर अत्याधुनिक इनसिनरेशन फैसिलिटी, ऑनलाइन निगरानी प्रणालियों (सीईएमएस और सीएएक्यूएमएस), और खतरनाक अपशिष्ट को सुरक्षित और पारदर्शी रूप से संभालने के लिए आवश्यक इन्फ्रास्ट्रक्चर से सुसज्जित है। यूसीआईएल अपशिष्ट को सील किए गए, लेबलयुक्त, और लीक प्रूफ कंटेनरों में जीपीएस-इनेबल्ड वाहनों का उपयोग करके ले जाया जाएगा, जो स्पिल-कण्ट्रोल सिस्टम्स से लैस हैं। सभी परिवहन गतिविधियां खतरनाक अपशिष्ट के लिए सीपीसीबी दिशानिर्देशों का पालन करती हैं, जिससे पूरी प्रक्रिया के दौरान सुरक्षा और जवाबदेही सुनिश्चित होती है।

इस अवसर पर आईएएस श्री स्वतंत्र कुमार सिंह ने कहा, “माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर के निर्देशों और माननीय सर्वोच्च न्यायालय के मार्गदर्शन के अनुसार, हम यूसीआईएल अपशिष्ट निपटान परियोजना को सुरक्षा, पारदर्शिता और कानूनी प्रावधानों के अनुपालन के उच्चतम मानकों के साथ पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। 2015 के सफल परीक्षण ने प्रक्रिया की व्यवहार्यता और पर्यावरण सुरक्षा की पुष्टि की। अत्याधुनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर और सीपीसीबी और एमपीपीसीबी की सख्त निगरानी के साथ, हम सभी हितधारकों को आश्वस्त करते हैं कि यूसीआईएल अपशिष्ट निपटान गतिविधियों को वैज्ञानिक और रणनीतिक रूप से योजनाबद्ध किया गया है, जिसमें सभी नियामक मानदंडों का अनुपालन सुनिश्चित किया गया है।” श्री सिंह ने सभी हितधारकों से आग्रह किया कि वे सही जानकारी के लिए उपयुक्त अधिकारियों से मिल रहे आधिकारिक अपडेट पर भरोसा करें।

Upendra Kashyap

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Upendra Kashyap

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