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कोण्डागांव, 9 दिसंबर 2024: जिला मुख्यालय के डीएनके कॉलोनी मैदान में मसीही समाज ने छत्तीसगढ़ युवा मंच के बैनर तले एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया। इस धरने के दौरान समाज के लोगों ने अपने धार्मिक और मौलिक अधिकारों की रक्षा के लिए आवाज उठाई और राज्यपाल के नाम एक ज्ञापन तहसीलदार को सौंपा।

धरने के दौरान मसीही समाज के सदस्यों ने आरोप लगाया कि ग्रामीण क्षेत्रों में उनके धार्मिक अधिकारों का लगातार उल्लंघन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि प्रार्थना सभाओं में बाधा डाली जा रही है और धर्मांतरण के झूठे आरोपों के तहत अपमानजनक व्यवहार किया जा रहा है। समाज की प्रमुख मांगों में पंचायत और ब्लॉक स्तर पर कब्रिस्तान का आवंटन शामिल है, क्योंकि ग्रामीण क्षेत्रों में मसीही समाज के लोग अपने मृतकों को सार्वजनिक कब्रिस्तान में दफनाने से वंचित हैं।

ज्ञापन में यह भी कहा गया कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत हर व्यक्ति को सम्मानपूर्वक अंतिम संस्कार का अधिकार है, और मसीही समाज को यह अधिकार मिलने में बाधाएं उत्पन्न की जा रही हैं। धरने के आयोजकों ने प्रशासन से मांग की कि वे मसीही समाज के लोगों के धार्मिक अधिकारों का सम्मान करें और कब्रिस्तान आवंटन की प्रक्रिया को शीघ्र पूरा करें।

धरने के अंत में छत्तीसगढ़ युवा मंच के संस्थापक नरेंद्र भवानी ने कहा कि यह धरना उनके आंदोलन का पहला चरण है। यदि प्रशासन ने उनकी मांगों को नजरअंदाज किया, तो वे शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन जारी रखेंगे। धरने में समाज के प्रमुख पदाधिकारी, जिलाध्यक्ष ज्ञान प्रकाश कोर्राम, ईसाई समाज जिलाध्यक्ष क्रिस्ट मोहन सोना, एंजेल नेताम, शारदा नेताम समेत अन्य प्रमुख लोग उपस्थित थे।

समाज ने स्पष्ट किया कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं की जातीं, तो वे चरणबद्ध तरीके से प्रदर्शन जारी रखेंगे।

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