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कोरबा। बीते कोरोना काल में आपदा को अवसर में बदलने का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नारा फलीभूत रहा है। कोरोना काल में करतला विकासखंड क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत तुमान के सरपंच सचिव द्वारा प्रवासी मजदूरो के लिए कोरोना काल में कोरेनटाइन सेंटर स्थापित किया गया था और वहां टेंट भी लगवाया गया था लेकिन आज पर्यंत तक टेंट वाले को पैसा देना भूल गये। तिलकेजा (कलमीभाठा) निवासी पीड़ित महेश्वर कश्यप ने कलेक्ट्रोट में जनदर्शन के दौरान बताया कि मैं कोरोना काल के टेंट समान तो लगवाया गया था लेकिन पैसे नहीं दिया गया, लगभग 4 साल से हमें घुमाया जा रहा है।

 

जी हां आपको बता दे करतला विकासखंड क्षेत्र अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत तुमान का मामला निकल कर सामने आया है जिसमें टेंट हाउस संचालक के द्वारा कलेक्टोरेट कोरबा के जनदर्शन में ज्ञापन सौंपा गया, जिसके माध्यम से बताया गया कि 2020 में कोराना कॉल में प्रवासी मजदूर के लिए ग्राम पंचायत तुमान सरपंच श्रीमति ललिता पैकरा और सचिव नंद कुमार चौकसे के मौखिक मांग पर मैं 6 नग मेट, 30 सेट गद्दा, चादर, तकिया को दिए थे। जो कि 05 मई 2020 से 18 जून 2020 तक उपलब्ध कराया गया था, जिसका 61350/- (इक्सठ हजार तीन सौ पचास रूपए) किराया बनता है। जिसमें सरपंच सचिव से किराए के पैसे का मांग लगातार 2020 से आज तक किराए कि मांग किया जा रहा है, परंतु उनके द्वारा आज तक नहीं मिल पाया है,

टेंट संचालक ने बताया कि, मुझे किराये की राशि का भुगतान नहीं किया गया है। जब भी मांगता हूँ तो मेरे बातों को टालते हुए समय बढ़ाते रहते हैं, और जो टाइम दिये रहता है, उस टाइम फोन उठाना बंद कर देता है, परंतु आज तक पैसा नहीं दिया है, जिससे में आर्थिक परेशानियों से जूझ रहा हूँ क्योंकि यहीं व्यवसाय मेरे जीविकोपार्जन का एक मात्र साधन है।

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