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कोण्डागांव, 03 मार्च 2025: राज्य शासन के महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत आज कोण्डागांव के डी.एन.के. कॉलोनी ग्राउंड में एक भव्य सामूहिक विवाह कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में 150 जोड़ों ने वैदिक रीति-रिवाजों और अनुष्ठानों के साथ परिणय सूत्र में बंधकर दाम्पत्य जीवन की शुरुआत की।

कार्यक्रम में बस्तर विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष एवं कोण्डागांव विधायक सुश्री लता उसेंडी ने विशेष रूप से भाग लिया। उन्होंने नवविवाहित जोड़ों को आशीर्वाद देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना गरीब परिवारों के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण पहल है, जिससे समाज के हर वर्ग को समान अवसर मिल रहा है। सुश्री लता उसेंडी ने आगे कहा कि इस योजना के माध्यम से सरकार उन परिवारों के लिए खड़ी है जो अपनी बेटी की शादी के लिए आर्थिक दबाव महसूस करते हैं। “मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना का उद्देश्य यही है कि गरीब परिवारों को बेटी की शादी के लिए कर्ज लेने की जरूरत न पड़े और वे शादी के खर्च से राहत महसूस कर सकें,” उन्होंने बताया।

मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना का महत्व:

पूर्व विधायक सेवकराम नेताम ने मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के महत्व को उजागर करते हुए कहा कि इस योजना की शुरुआत गरीब परिवारों की बेटियों के विवाह में मदद करने के उद्देश्य से की गई थी। उन्होंने इस योजना की सराहना करते हुए कहा कि इससे गरीब परिवारों को शादी के खर्च की चिंता से राहत मिली है और वे बिना किसी वित्तीय संकट के अपनी बेटियों की शादी कर पा रहे हैं।

कार्यक्रम के दौरान नवविवाहित जोड़ों को विवाह प्रमाण पत्र प्रदान किए गए। साथ ही, मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत प्रत्येक कन्या को 35 हजार रुपये का चेक प्रदान किया गया। यह राशि शादी के खर्चों में मददगार साबित होगी और माता-पिता का आर्थिक बोझ हल्का करेगी।

धार्मिक अनुष्ठान और सामूहिक विवाह:

कार्यक्रम का संचालन गायत्री समाज के प्रतिनिधियों द्वारा किया गया, जिन्होंने वैदिक रीति-रिवाजों और धार्मिक अनुष्ठानों के माध्यम से विवाह संपन्न कराए। नवदंपत्तियों के परिवारजन भी इस मौके पर उपस्थित थे और उन्होंने इस आयोजन में उत्साहपूर्वक भाग लिया।

शासन की विभिन्न योजनाओं का लाभ:

इस कार्यक्रम में कोण्डागांव नगर पालिका अध्यक्ष नरपति पटेल, जिला पंचायत सीईओ अविनाश भोई, एडीएम चित्रकांत चार्ली ठाकुर, एसडीएम अजय उरांव, महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी भी उपस्थित थे। इस कार्यक्रम के माध्यम से छत्तीसगढ़ सरकार ने यह संदेश दिया कि वे महिला सशक्तिकरण और समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों की मदद करने के लिए हमेशा प्रतिबद्ध हैं।

मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना:

मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना उन गरीब परिवारों के लिए एक राहत का माध्यम साबित हो रही है, जिनके पास अपनी बेटियों की शादी के लिए पर्याप्त वित्तीय संसाधन नहीं होते। इस योजना के तहत सरकार द्वारा आर्थिक मदद प्रदान की जाती है, जिससे परिवारों को कर्ज लेने की जरूरत नहीं पड़ती। इस योजना के माध्यम से छत्तीसगढ़ सरकार ने अपने सामाजिक और आर्थिक दायित्व को निभाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है।

इस सामूहिक विवाह आयोजन ने न केवल नवदंपत्तियों को खुशियाँ दीं, बल्कि समाज के हर वर्ग को यह विश्वास दिलाया कि शासन गरीब और जरूरतमंदों की मदद के लिए हमेशा तत्पर है।

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