
पीथमपुर। इंदौर-दाहोद रेलवे प्रोजेक्ट के तहत बने अंडरपास अब ग्रामीणों के लिए संकट का सबब बन गए हैं। सिरसोदा, मेंहदीखेड़ी, नामांखेड़ी जैसे गांवों में बिना निकासी व्यवस्था के बनाए गए इन अंडरपासों में बारिश के मौसम में पानी भर जाता है, जिससे लोग मजबूरन जान जोखिम में डालकर रेलवे ट्रैक किनारे चलने को विवश हैं।ग्रामीण बबलू सिंह सोलंकी के अनुसार, स्कूली बच्चों को प्रतिदिन 20 किलोमीटर का चक्कर लगाकर स्कूल जाना पड़ रहा है, जिससे शिक्षा भी प्रभावित हो रही है। वहीं बुजुर्गों, महिलाओं और किसानों को भारी असुविधा हो रही है।रेलवे द्वारा समपार फाटक हटाए जाने के बाद ग्रामीणों को सुरक्षित और सुविधाजनक मार्ग देना जरूरी था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। ग्राम पंचायत की शिकायतों के बाद भी रेलवे अधिकारियों की चुप्पी ग्रामीणों में आक्रोश बढ़ा रही है।स्थानीय लोगों का आरोप है कि समाधान के नाम पर सिर्फ दिखावा किया जा रहा है। अंडरपास को ढंककर की गई मरम्मत पहली बारिश में ही ध्वस्त हो गई। अब ग्रामीणों ने चेताया है कि यदि जल्द समाधान नहीं हुआ तो रेलवे के खिलाफ बड़ा प्रदर्शन किया जाएगा।