कोरबा जिले के पांचो ब्लॉक के पंचायत सचिवों की शासकीयकरण की मांग को लेकर चल रही अनिश्चितकालीन हड़ताल आज चौथे दिन भी जारी है सचिवों के कार्य बहिष्कार के कारण पंचायतों में कई अहम कार्य अटक गए हैं, जिससे ग्रामीण को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। पंचायत सचिव संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि जब तक सरकार उनकी मांगें नहीं मानती, तब तक यह हड़ताल जारी रहेगी। उनका मुख्य मांग शासकीयकरण (सरकारी कर्मचारी का दर्जा) है, जिसके बिना वे आर्थिक और सामाजिक असुरक्षा महसूस कर रहे हैं। हड़ताल के चलते ग्रामीणों का प्रधानमंत्री आवास जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र, आय, जाति एवं निवास प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया ठप पड़ गई है। मनरेगा समेत कई सरकारी योजनाओं के भुगतान और लाभार्थी सूची अपडेट करने का काम भी प्रभावित हुआ है। ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को अपने छोटे-छोटे कामों के लिए भी परेशान होना पड़ रहा है। इस हड़ताल से सरकारी राजस्व पर भी असर पड़ रहा है, क्योंकि पंचायतों से जुड़े टैक्स और अन्य फंड संबंधी कार्य भी रुक गए हैं। कई जिलों में प्रशासन ने पंचायत सचिवों को काम पर लौटने के लिए नोटिस जारी किया है, लेकिन अभी तक इसका कोई असर नहीं दिख रहा है।धरना पर बैठे सचिव संघ के नेताओं का कहना है कि अगर सरकार जल्द ही कोई ठोस कदम नहीं उठाती है, तो आंदोलन और तेज किया जाएगा। वहीं, सरकार का पक्ष है कि इस विषय पर विचार किया जा रहा है और जल्द ही समाधान निकालने की कोशिश की जाएगी।