रायपुर:- वनविभाग के श्रमायुक्त दर वन कर्मचारी संघ के प्रांत प्रमुख हारुन मानिकपुरी ने बताया कि वनविभाग का प्रथम श्रमायुक्त दर वन कर्मचारी संघ है। जो वनविभाग के बिना नियुक्ति पत्र वाले पूर्णकालिक राज्य योजना के, बिना बिचौलिए (ठेकेदार) के सीधे विभाग से वेतन लेने वाले दैनिक मासिक श्रमिकों के लिए निरंतर संघर्ष करेगा। श्रमायुक्त दर वन कर्मचारी संघ आगामी तीन माह की योजना बनाकर चरणबद्ध श्रमायुक्त दर के श्रमिकों के लिए संघर्ष करेगा। आगामी शीतकालीन सत्र में विधानसभा प्रश्न विधायकों के माध्यम से लगाकर, वनविभाग में कार्यरत बिना नियुक्ति पत्र, पूर्णकालिक राज्य योजना के श्रमायुक्त दर के श्रमिकों की संख्या, अंशकालिक श्रमिकों की संख्या,जांबदर श्रमिकों की संख्या, मानदेय श्रमिकों की संख्या पृथक-पृथक मांगेगा। नियुक्ति पत्र धारक कलेक्टर दर पूर्णकालिक राज्य योजना के दैनिक वेतन भोगियों की संख्या की जानकारी भी मांगी जाएगी। हारुन मानिकपुरी ने बताया कि तत्कालीन मुख्य सचिव श्री विवेक ढांड के द्वारा वर्ष 2016 में आकस्मिक श्रमायुक्त दर श्रमिकों के लिए ईपीएफ कटौती का जो प्रावधान नियम बनाया गया है। उसके अंतर्गत वनविभाग के पात्र दैनिक मासिक श्रमिकों के लिए रायपुर क्षेत्रीय भविष्य निधि कार्यलय में अपील करेंगे। निहारिका बारिक कमेटी में वनविभाग के श्रमायुक्त दर वन कर्मचारी संघ की तरफ से सदस्य बनाने का दावा प्रस्तुत करेंगे। दो पदाधिकारियों के शामिल करने का ज्ञापन प्रदेश के मुख्यमंत्री, एवं सभी मंत्रियो को सौंपा जाएगा। वनविभाग के श्रमायुक्त दर वन कर्मचारी संघ सिर्फ एक सुत्रीय मांग मध्यप्रदेश की भांति स्थाईकरण योजना में भी औद्योगिक अधिनियम के अंतर्गत बनाने की मांग रखेंगे। श्रमायुक्त दर वन कर्मचारी संघ में चन्दा वसूली एवं वार्षिक शुल्क, सदस्य शुल्क मुक्त होगा। पारदर्शी तरीके से वनविभाग के श्रमायुक्त दर वन कर्मचारियों को संगठित करके निरंतर परामर्श कर जो सर्व हितकारी होगा, कानूनी संवैधानिक और बजट के दृष्टिकोण में उचित होगा उस दिशा में कार्य करेंगे। वनविभाग में जैसे ही ईपीएफ कटौती विभाग से सीधे वेतन लेने वाले श्रमिकों का प्रारंभ होगा उसके एक वर्ष बाद श्रमायुक्त दर वन कर्मचारी संघ उच्च न्यायालय बिलासपुर में औद्योगिक अधिनियम के अंतर्गत विभाग में स्थाईकरण की मांग को लेकर अपील करेंगे। अपील के साथ साथ सरकार के समक्ष भी निरंतर स्थाईकरण के राजनैतिक समाधान के लिए श्रमायुक्त दर वन कर्मचारी संघ ज्ञापन,भेंट मुलाकात करता रहेगा। और सरकार द्वारा सकारात्मक निर्णय लेने पर संघ द्वारा की गई अपील वापस लेकर स्थाईकरण का लाभ लिया जाएगा। श्रमायुक्त दर वन कर्मचारी संघ के प्रांत प्रमुख हारुन मानिकपुरी ने नया संघ बनाने की मजबूरी के विषय में बताया कि छत्तीसगढ़ में 18 प्रकार के अलग-अलग अनियमित कर्मचारी, दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों संगठन होने के कारण अपने के श्रमायुक्त दर के कर्मचारियों के हित में उचित और जल्द समाधान के लिए संगठन बनाना पड़ा ताकि अपनी स्पष्ट पहचान व क्षेणी (प्रकार ) अनुसार मांग रखने पर ही लक्ष्य मिल सकता है। उन्होंने 1998 से 2024 तक के लगभग 26 वर्ष में गलत प्रकार से एवं गलत पहचान बनाकर मांग में स्वयं के संघर्ष में समय बर्बाद करने पर दुख भी होने की बात कही।