< script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-5880455987993191" crossorigin="anonymous"> MP High Court ईडब्ल्यूएस को महज सामान्य वर्ग के लिए निर्धारित पदों में से 10 प्रतिशत आरक्षण ही होगा मान्य ANP NEWS

MP High Court ईडब्ल्यूएस को महज सामान्य वर्ग के लिए निर्धारित पदों में से 10 प्रतिशत आरक्षण ही होगा मान्य

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MP हाई कोर्ट ईडब्ल्यूएस को महज सामान्य वर्ग के लिए निर्धारित पदों में से 10 प्रतिशत आरक्षण ही होगा मान्य जबलपुर। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने ईडब्ल्यूएस यानि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के संबंध में महत्वपूर्ण आदेश पारित किया। इसके जरिये न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल की एकलपीठ ने साफ कर दिया कि ईडब्ल्यूएस को महज सामान्य वर्ग के लिए निर्धारित पदों में से ही 10 प्रतिशत आरक्षण मान्य होगा, कुल पदों में से नहीं। इस टिप्पणी के साथ ईडब्ल्यूएस अभ्यर्थियों की ओर से दायर याचिकाएं निरस्त कर दी गईं।शहडोल निवासी अंकुश मिश्रा, कटनी निवासी पुष्पेंद्र सिंह राजपूत के अलावा रायसेन, रीवा, राजगढ़, सीधी, छिंदवाड़ा आदि जिलों के निवासी ईडब्ल्यूएस अभ्यर्थियों की ओर से याचिका दायर कर बताया गया कि व्यावसायिक परीक्षा मंडल ने लेबोरेटरी टेक्निशियन के 219 पदों के लिए विज्ञापन निकाला गया था।बहस के दौरान दलील दी गई कि 10 प्रतिशत आरक्षण के तहत ईडब्ल्यूएस के लिए 22 पद आरक्षित रखे जाने थे, लेकिन केवल चार पद ही निर्धारित रखे गए। इस वजह से याचिकाकर्ताओं का नाम मेरिट सूची में होने के बावजूद उनका चयन नहीं हो सका।मामले पर सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने संविधान के अनुच्छेद 15(6) तथा 16 (6) की स्पष्ट व्याख्या करते हुए कहा कि सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था दी गई है। ईडब्ल्यूएस आरक्षण के लाभ से ओबीसी, एससी व एसटी वर्ग को अलग रखा गया है, इसलिए कुल विज्ञापित पदों में से 10 प्रतिशत पद ईडब्ल्यूएस के लिए आरक्षित किया जाना संविधान के अनुच्छेद 16 (6) के प्रविधान से असंगत है इस मामले में कुल 219 पदों में से 122 ओबीसी, 46 एसटी और 13 एससी वर्ग के लिए आरक्षित रखे गए हैं इस तरह शेष अनारक्षित (सामान्य) के 38 पदों में से 10 प्रतिशत यानि चार पद ईडब्ल्यूएस के लिए आरक्षित करना पूरी तरह वैधानिक है

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