छुरिया। नगर पंचायत अध्यक्ष एवं पार्षद पद हेतु वितरण किये गये टिकट को लेकर कांग्रेस पार्टी में तनाव और बगावत का माहौल दिखाई दे रहा है। मंगलवार को कांग्रेस की नामांकन रैली में गिने चुने लोगों के शामिल होने से पार्टी की दयनीय स्थिति साफ तौर से नजर आई अध्यक्ष के साथ पार्षद प्रत्याशी भी शामिल थे। किन्तु नामांकन रैली बहुत ही सीधी सादी रही लोगों की भीड़ न के बराबर थी बाजे गाजे की व्यवस्था तो थी परन्तु उसमें नाचने गाने वालों की संख्या नहीं थी। सादे समारोह में नामांकन भराया गया।
कांग्रेस की इस प्रकार से पहली बार दुर्दशा होने का एक मात्र कारण साफ तौर से नजर आया कि टिकट वितरण को लेकर पार्टी में कोई गंभीरता दिखाई नहीं दी। नगर के अनुभवी पार्षद एवं नगर अध्यक्ष सुनील लारोकर को दरकिनार करने के साथ ही अनुभवी पार्षद एवं भू.पू. उपाध्यक्ष नगर पंचायत सलमान खान की अवहेलना करते हुये ब्लाक अध्यक्ष रीतेश जैन को नगर अध्यक्ष के रूप में उतार दिया। नगर में तो इस बात की भी चर्चा है कि भाजपा ने तो अपने किसी कार्यकर्ता को पार्षद एवं अध्यक्ष के लिये निर्दलीय प्रत्याशी बनने का कोई मौका नहीं दिया किन्तु कांग्रेस में एैसा क्या हो गया कि हर कार्यकर्ता पार्षद और अध्यक्ष के लिये पार्टी से बगावत कर निर्दलीय फार्म भरने को मजबूर हो गया। क्या कांग्रेस के बड़े नेताओं की आपसी लड़ाई का खामियाजा छोटे कार्यकर्ताओं को भुगतना पड़ रहा है। बड़े नेता तो यहां से राजनीति करके दूसरे गांव में निवासी हो गये है और नये नये युवाओं का भविष्य अंधेरे में डाल रहे हैं। छुरिया नगर की जनता के मन में बस एक ही सवाल उठ रहा है कि कांग्रेस को टिकट वितरण को लेकर कितना नुकसान उठाना पड़ेगा यह प्रश्न विचारणीय है।