प्रयागराज महाकुंभ में पहली बार बहनों का अखाड़ा सम्मिलित होकर महाकुंभ के इतिहास मे मध्यप्रदेश मालवा प्रांत के धनुर्वेदी हिंदू शाही अखाड़ा फाउंडेशन ने एक नया आयाम जोड़ दिया अपने आत्मरक्षा और प्राचीन पारंपरिक शस्त्र कलाओं के प्रशिक्षण के पूरे देश में प्रसिद्ध धनुर्वेदी हिंदू शाही अखाड़ा बहनों को सशक्त, सुरक्षित, आत्मनिर्भर बनाने के उद्वेश्य को लेकर वर्षों से कार्य कर रहा हैं महाकुंभ प्रयागराज में बहनों का दीक्षांत शिविर आयोजित किया जा रहा हैं जिसमे हमारी भारतीय प्राचीन आत्मरक्षा शस्त्र कलाओं को प्रोत्साहित करने, संत महात्माओं का ध्यान इस ओर आकर्षित करने एवं हमारी युवा पीढ़ी को सनातन संस्कृति, परंपराओं एवं अध्यात्म, से जोड़ने के उद्देश्य हेतु महाकुंभ दीक्षांत शिविर आयोजित किया गया था इस विचार को लेकर अखाड़े के भाइयों एवं बहनों द्वारा अखाड़े के नगर प्रवेश कार्यक्रम में अपनी प्राचीन शस्त्र कलाओं का प्रदर्शन किया जिसमें पहली बार बहनों की शस्त्र कला और प्राचीन युद्ध कौशल को देख कर महाकुंभ में संतो के द्वारा धनुर्वेदी हिंदू शाही अखाड़े को अपना आशीर्वाद प्रदान किया जिसमें परम पूज्य शंकराचार्य जी , पूज्य साध्वी ऋतंभरा जी, पूज्य रावतपुर सरकार, स्वामी रामेश्वरानंद जी महाराज, जैसे कई पूज्य साधु संतो साध्वियों ने अखाड़े के कार्यों की प्रशंसा करते हुए आशीर्वाद दिया कई संतो के द्वारा अपने शिविर में आयोजन एवं प्रशिक्षण के लिए अखाड़े को आमंत्रित किया जा रहा हैं अखाड़े के इन कार्यों से मालवा प्रांत के साथ साथ पूरा मध्यप्रदेश भी गर्वित हुआ हैं धनुर्वेदी हिंदू शाही अखाड़ा फाउंडेशन का यह कदम निश्चित रूप से बहनों को सशक्त सुरक्षित बनाने के साथ हमारी भारतीय प्राचीन आत्मरक्षा शस्त्र कलाओं को प्रोत्साहित करने में बड़ी एवं मुख्य भूमिका निभाने का कार्य करेगा