राजनांदगांव। छत्तीसगढ़ में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव बेहद दिलचस्प होता जा रहा है। राजनांदगांव जिले में गेंदाटोला अनारक्षित क्षेत्र क्रमांक 12 में त्रिकोणीय संघर्ष की स्थिति बन गई है। यहां जिला कांग्रेस कमेटी के सचिव और क्षेत्र के कद्दावर नेता डॉ. प्रकाश शर्मा ने अपना नामांकन वापस तो ले लिया है, लेकिन चौतरफा विरोध के चलते कांग्रेस की अधिकृत प्रत्याशी राजकुमारी सिन्हा की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही है। सोशल मीडिया में लगातार बाहरी प्रत्याशी को लेकर राजकुमारी सिन्हा के खिलाफ गुस्सा फूट रहा है। ऐसे में यह तय है कि उन्हें चुनाव के दौरान कार्यकर्ताओं की नाराजगी के साथ ही जनता के तीखे तेवर का सामना भी करना पड़ेगा।अपना नामांकन वापस लेने के बाद जिला कांग्रेस कमेटी के सचिव डॉ. प्रकाश शर्मा ने कहा कि वे पिछले 20 सालों से पार्टी से जुड़े हुए हैं। पार्टी के प्रति उनके मन में अटूट आस्था है। इसलिए वे कोई ऐसा कार्य नहीं करना चाहते जिससे पार्टी को नुकसान हो। इस वजह से वरिष्ठ नेताओं के आग्रह पर उन्होंने अपना नामांकन वापस ले लिया है। उन्होंने कहा कि मन में यह पीड़ा जरूर रहेगी कि प्रत्याशी चयन सही ढंग से नहीं किया गया। विधायक और जिला अध्यक्ष की मनमानी के चलते एक ऐसी प्रत्याशी को क्षेत्र की जनता पर थोप दिया गया जो बाहर की हैं। जिनका क्षेत्र की जनता और उनके सुख दुख से कोई सरोकार नहीं है।अनारक्षित सीट में भी सामान्य वर्ग के व्यक्ति को प्रतिनिधित्व का मौका नहीं दिया गया, यह भी पीड़ाजनक है। फिर भी उन्होंने भरोसा दिलाया कि क्षेत्र की जनता के सुख-दुख में हमेशा खड़े रहेंगे। उन्होंने कहा कि गेंदाटोला क्षेत्र के सर्वांगीण विकास के लिए जो भी उनसे हो सकेगा वे अवश्य करेंगे। बता दें गेंदाटोला क्षेत्र क्रमांक 12 से डॉ. प्रकाश शर्मा सशक्त दावेदार के रूप में सामने आए थे। अंतिम समय तक उनके नाम पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी में विचार मंथन होता रहा। जिला अध्यक्ष और विधायक की जिद की वजह से राजकुमारी सिन्हा को अधिकृत कर दिया गया। ऐसे में डॉ. प्रकाश शर्मा ने अपना नामांकन तो वापस ले लिया है, लेकिन यह तय है कि क्षेत्र में कांग्रेस की अधिकृत प्रत्याशी की राह आसान नहीं होगी। उन्हें स्थानीय कार्यकर्ताओं और जनता का विश्वास जीतने के लिए खासी मुश्किलों का सामना करना होगा।