पीथमपुर। यूनियन कार्बाइड (यूका) के 12 कंटेनरों में भरे जहरीले कचरे के खिलाफ अब जनता ने आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर दिया है। विरोध का नया तरीका अपनाते हुए पीथमपुर बचाओ समिति ने 12 फरवरी को दोपहर 12 बजकर 12 मिनट पर 12 कंटेनरों के विरोध में शवासन किया जाएगा। इस अनूठे प्रदर्शन के जरिए प्रशासन और सरकार को यह संदेश दिया जाएगा कि अगर कचरा जलाया गया, तो यह क्षेत्र मृतप्राय हो जाएगा।
हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में विरोध, लोगों से की अपील
सोमवार को हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में प्रदर्शन कर लोगों को इस कचरे के खतरों से आगाह किया गया। पीथमपुर बचाओ समिति के कार्यकर्ताओं और स्थानीय लोगों ने मिलकर गली-गली जाकर जनता को जागरूक किया और कचरे के खिलाफ एकजुट होने की अपील की।
प्रशासन को दो टूक – या तो फैसला बदलो या जनता का गुस्सा झेलो
डाक्टर हेमंत हिरोले, संदीप रघुवंशी सहित प्रदर्शनकारियों ने साफ कर दिया कि अगर प्रशासन और सरकार ने जल्द कोई ठोस कदम नहीं उठाया, तो आंदोलन और उग्र होगा। समिति के सदस्य बोले, “हम इस क्षेत्र को मरने नहीं देंगे! अगर प्रशासन हमें जहर देने पर अड़ा है, तो हम भी इसके खिलाफ लड़ने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
*जनता का सवाल – क्या पीथमपुर कब्रगाह बनने वाला है*
लोगों ने सवाल उठाए कि जब विदेश में इतनी खुली जगहें हैं, तो सिर्फ पीथमपुर को ही डंपिंग ग्राउंड क्यों बनाया जा रहा है? क्यों सरकार भोपाल गैस कांड के पीड़ितों के जख्मों पर नमक छिड़क रही है? क्या सरकार चाहती है कि पीथमपुर के लोग भी जहरीली गैसों का शिकार होकर बेमौत मरें।