छुरिया:छुरिया से मात्र पांच किलोमीटर दूर ग्राम पड़रामटोला में हर साल कार्तिक पूर्णिमा के पूर्व संध्या से अखंड रामायण पाठ किया जाता है। इस वर्ष भी अखंड रामायण पाठ 14 नवंबर को शुभारंभ होकर दुसरे दिन यानी 15 नवंबर दिन शुक्रवार को लगभग दोपहर तक चलेगी। ग्राम पड़रामटोला में अखंड रामायण की शुरुआत 80 की दसक में छोटे महंत (रामदास मानिकपुरी) ने ग्राम के ही जुगूत राम कंवर,मीना कंवर, गैंदालाल कंवर आदि के साथ सावन महिने भर रोजाना रामायण पाठ करते थे। और कार्तिक मास के पूर्णिया के पूर्व संध्या से अखंड रामायण पाठ की शुरुआत की और दूसरे दिन दोपहर बाद शोभा यात्रा निकालकर नगर भ्रमण कर शाम तक विसर्जन किया जाता है। आज ग्राम पड़रामटोला में ग्राम वासियों की तत्वावधान में कार्तिक पूर्णिमा मेला, मंडई का रुप ले लिया है। रामदास मानिकपुरी (छोटे महंत) के सुपुत्र हारुन मानिकपुरी ने बताया कि बाबू जी में रामचरित मानस और अखंड रामायण के प्रति इतना लगाव था कि कार्तिक पूर्णिमा पूर्व संध्या को रात बिता देते थे। और कहते थे कि श्री रामचरित मानस पढ़ना कोई मामूली बात नहीं है। जिसके ऊपर ईश्वर की बहुत कृपा है वो ही श्री रामचरित मानस जी का पाठ कर सकते हैं। वह स्वयं मात्र तिसरी कक्षा तक शिक्षा प्राप्त कर रामायण की व्याख्यान सुनाते थे। वह कहते थे कि जबर्दस्ती पढ़ेंगे तो कुछ दिन में आप भटक जाएंगे। वह अपना अनुभव बताते थे कि श्री रामचरित मानस स्वयं भगवान है। साधू हो चाहे संसारी ये सबके लिए कल्पवृक्ष है। कलयुग में आदमी मंत्र तंत्र में भटक जाते हैं अंत में हाथ में कुछ नहीं लगते और परेशानियां बढ़ जाते हैं। जीवन में सफल होने का या भगवान से सीधा नाता जोड़ने का इससे उत्तम मार्गं और कुछ नहीं मिलेगा। एकबार संकल्प करके पाठ करके आजमा लीजिए। जो दारू पीता है उसको दारू छूट जाएगा। जो तड़प रहा है उसको शांति मिलेगा। थोड़ा समय लग सकता है , नियमित पाठ का फल वर्णन नहीं किया जा सकता। श्री रामचरित मानस स्वयं भगवान है जो चाहोगे वहीं मिलेगा,केवल इसको छोड़ना नहीं है , श्री रामचरित मानस के माध्यम से लाखों लोग अपना जीवन सफल बना रहे हैं। आप सबके जीवन में श्री रामचरित मानस जी जरूर कृपा करेंगे।